मन पर जोर कहाँ किसी का
कैसे हैं आप सब दोस्तों? आज बहुत दिनों बाद मन किया कि कुछ लिखूँ… वही सब कुछ जिसका तस्सव्वुर दिल में है… मन और मन में उठती इच्छाएँ पर कोई महावत नहीं होता… इच्छाएँ स्वयं सारथी होती है जो अपनी गति अपने ही हिसाब से नियंत्रित करती हैं. कभी कभी ऐसा लगता है कि हम अपनी … Read more