फिर एक अहिल्या – 11
यह कहानी एक सीरीज़ का हिस्सा है: ← फिर एक अहिल्या – 10 मैंने अपना हाथ पैंटी के अंदर ही हथेली का एक कप सा बना कर, जिसमें मेरी चारों उंगलियां नीचे की ओर थी वसुन्धरा की तपती जलती योनि पर रख दिया. “आ … आ … आ … आह!” उत्तेजना-वश वसुन्धरा ने मेरी उँगलियों … Read more