समय और संयोग : दोस्त की सच्चाई, बीवी की अच्छाई -2
समय और संयोग : दोस्त की सच्चाई, बीवी की अच्छाई -2 अब तक आपने पढ़ा.. वो शरमा गई और कुछ हड़बड़ा भी गई। हड़बड़ाहट की वजह से उसने टी-शर्ट ठीक नहीं की और कमोबेश मेरे भी होश उड़े हुए थे। अन्दर से हवस कब जग गई.. पता नहीं चला और कुछ सोचे-समझे बिना मैं उसके … Read more