कहीं पे निगाहे कहीं पे निशाना-2
कहीं पे निगाहे कहीं पे निशाना-2 लेखिका : नेहा वर्मा “ओह ! मरना ही है तो यहाँ नहीं, अन्दर बिस्तर पर चलो !” अब मुझे पता था कि मेरी लाईन साफ़ है। अब तो बस चुदना ही है। उसे भी कहाँ अब चैन था। उसने तो मुझे जल्दी से अपनी बाहों में उठा लिया और … Read more